मंत्री लखनलाल ने एमओयू की व्यापक समीक्षा कर मांगी रिपोर्ट:उद्योगों में काम करने वाले ​कितने स्थानीय और कितने बाहरी, मंत्री ने मांगी जानकारी
मंत्री लखनलाल ने एमओयू की व्यापक समीक्षा कर मांगी रिपोर्ट:उद्योगों में काम करने वाले ​कितने स्थानीय और कितने बाहरी, मंत्री ने मांगी जानकारी उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी उद्योगों में काम कर रहे स्थानीय और बाहरी लोगों की जानकारी मांगी है। मंत्री के निर्देश पर विभागीय सचिव ने सभी जिला कलेक्टरों को चिट्ठी जारी कर दी है। गौरतलब है की एक दिन पूर्व ही उद्योग मंत्री कोरबा जिले में संचालित सार्वजनिक उपक्रमों को पत्र लिखकर बाहरी और स्थानीय लोगों को दिए गए रोजगार की जानकारी 7 दिन में तलब की थी। अब मंत्री ने उद्योग विभाग के सचिव को निर्देश जारी कर प्रदेशभर से जानकारी मंगाई है। मत्री ने कहा कि विधानसभा सत्र में विधायकों के साथ–साथ सामान्य जनसंपर्क के दौरान भी यह बात सामने आई है कि उद्योगों में स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार के अवसर कम उपलबध कराए जा रहे हैं। जबकि आर्थिक निवेश प्रोत्साहन के लिए अकुशल श्रेणी में न्यूनतम 100 फीसदी, कुशल श्रेणी में न्यूनतम 70 फीसदी और प्रबंधकीय श्रेणी में न्यूनतम 40 फ़ीसदी रोजगार दिए जाने का प्रावधान है। मंत्री ने जिलाधिकारियों के माध्यम से प्रदेश में संचालित होने वाले उद्योगों में अलग अलग श्रेणियों में राज्य के स्थानीय और अन्य राज्यों के श्रमिको को उपलब्ध कराए गए रोजगार की जानकारी तलब की है। उद्योग मंत्री ने उद्योग सचिव को एमओयू के बाद उद्योग नहीं लगने पर एक–एक एमओयू की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में जनवरी 2021 से दिसंबर 2023 तक कुल 107 एमओयू हुए, इसमें से 1 एमओयू निरस्त हो चुका है, 12 उद्योगों से उत्पादन प्रारंभ हो चुका है, 95 उद्योग में उत्पादन शुरु नहीं हो सका है। सीएसआर के व्यय के लिए उद्योग मंत्री ने मुख्यमंत्री से किया आग्रह उद्योगमंत्री लखन लाल देवांगन ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सीएसआर मद का व्यय व निर्माण कार्य राज्य शासन से संपादित करने और भारत सरकार से आवश्यक समन्वय बनाने का आग्रह किया है। देवांगन द्वारा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को लिखे पत्र में उल्लेख किया है कि पिछले विधानसभा सत्र के दौरान कई विधायकों के माध्यम से उद्योगों के लाभ से सृजित होने वाली सीएसआर मद से होने वाले कार्यों की जानकारी शासन से मांगी गई थी।