सीएम ने कहा:छत्तीसगढ़ में उद्योगों की स्थापना के लिए हरसंभव मदद
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए हर संभव सहयोग करेगी। नए उद्योगों की स्थापना हो, छत्तीसगढ़ में वैल्यू एडिशन का काम हो और स्थानीय युवाओं को रोजगार मिले, ऐसी सरकार की मंशा है। 1 नवंबर राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर नई औद्योगिक नीति और विकसित छत्तीसगढ़ का विजन डॉक्यूमेंट भी जारी किया जाएगा। साय ने सीएम हाउस में भारतीय उद्योग परिसंघ की नई औद्योगिक नीति 2024-29 के लिए दिए गए सुझावों पर चर्चा के दौरान कही। साय ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक संसाधनों और बहुमूल्य खनिजों के विपुल भंडार मौजूद हैं। प्रदेश में लघुवनोपजों की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता है। उन्होंने कहा कि चाहे खनिज हो या लघु वनोपज, इनका वैल्यू एडिशन छत्तीसगढ़ में ही हो, ताकि प्रदेश को इसका लाभ मिले। 5 वर्षों में सैकड़ों एमओयू हुए हैं, लेकिन इनका क्रियान्वयन नहीं हो पाया है। राज्य सरकार की मंशा है कि यहां नए-नए उद्योग स्थापित हों, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिले। साय ने कहा कि सीआईआई द्वारा नई औद्योगिक नीति के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं। प्रदेश के उद्योग मंत्री और नीति तैयार करने वाली समिति को भेजा जाएगा। सभी सुझावों का अध्ययन कर, अच्छे सुझावों को नई औद्योगिक नीति में शामिल किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत बनाने की संकल्पना की है। 5 वर्षों में भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। इन्हीं लक्ष्यों को पूरा करने हम विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, सीआईआई के छत्तीसगढ़ स्टेट काउंसिल के चेयरमैन आशीष सराफ, वाइस चेयरमैन संजय जैन, नरेंद्र गोयल, आनंद सिंघानिया, रमेश अग्रवाल, पंकज सारडा सहित सीआईआई छत्तीसगढ़ स्टेट काउंसिल के सदस्य मौजूद थे। इस मौके पर भारतीय उद्योग परिसंघ के सदस्यों ने सिंगल विंडो सिस्टम और मुख्यमंत्री द्वारा रोजगार सृजन के लिए उद्योगों को बढ़ावा दिए जाने के प्रयासों की सराहना की। परिसंघ ने नई औद्योगिक नीतियों पर आधारित अपने सुझावों का प्रजेंटेशन दिया। ये सुझाव भी सिंगल विंडो सिस्टम के लिए एक टाइम फ्रेमवर्क का भी निर्धारण किया जाए। छत्तीसगढ़ पॉवर सरप्लस स्टेट है, इसलिए यहां डेटा सेंटर स्थापित किए जा सकते हैं। रियल एस्टेट इंडस्ट्री को नई औद्योगिक नीति में शामिल किया जाए।