शिवपुराण कथा के श्रवण से मिलता है पुण्य : प्रदीप मिश्रा
अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की एक दिवसीय शिव महापुराण कथा ढोलगी रोड में हुई इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। कथा वाचक पं मिश्रा ने भगवान शिव की महिमा का बखान करते हुए कहा कि श्रावण मास में शिवपुराण की कथा का श्रवण से बड़ा पुण्य मिलता है । एक लोटा जल सारी समस्या का हल।
उन्होंने कहा कि भगवान शिव को एक लोटा जल अर्पित करने से वे प्रसन्न हो जाते हैं और सभी समस्याओं का निदान कर देते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में अगर स्त्री और मिस्त्री दोनों अच्छे हों तो मिस्त्री अच्छे मकान बनाकर देगा। वहीं अगर स्त्री अच्छी हो तो अपने परिवार कुटुंब को अच्छा बना देती है। जीवन में इन दोनों का अच्छा मिल जाने से जीवन सार्थक होता है। उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा के लिए एकजुट होना जरूरी बताया। उन्होंने पूर्व सैनिक संतोष साहू के रिटायर्ड होने के बाद भी राष्ट्र हित में बेहतर कार्य करने पर मंच मे बुलाकर सम्मानित करते हुए आशीर्वाद दी। कार्यक्रम को उप मुख्य मंत्री अरुण साव, केंद्रीय आवास राज्य मंत्री तोखन साहू , मुंगेली के विधायक पुन्नूलाल मोहले , बिलासपुर के पूर्व महापौर किशोर राय, प़ं राजीव लोचन महाराज ने भी संबोधित किया। उपमुख्य मंत्री अरुण साव एवम केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू सपत्नी कथा का श्रवण पूरे समय तक किए। बीते दिन हल्की बारिश के बाद कथा स्थल में पंडाल के नीचे जमीन पर पानी थोड़ा भर जाने से कीचड़ के बीच बड़ी संख्या में महिलाएं कथा सुनने बैठी रही। इस दौरान वीआईपी और वीवीआइपी पास की सुविधा लोगों के लिए आयोजन मंडल के द्वारा की गई थी। लेकिन पुलिस प्रशासन की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वीआइपी द्वार से केवल डिप्टी सीएम केंद्रीय राज्य मंत्री आयोजन मंडल समिति के सदस्य एवं उनके परिवार सहित कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ही आए। उक्त वीआइपी द्वार से किसी भी को अंदर प्रवेश नहीं दिया गया।
जानकारी के मुताबिक प्रशासन ने दो अगस्त से आठ अगस्त तक प्रस्तावित कथा की अनुमति नहीं दी थी लेकिन एक दिन की कथा से पूरे नगर में दिन भर से यातायात बाधित रहा तथा कथा स्थल में अव्यवस्था का आलम रहा। कथा के बीच बाहर से आए पुलिस कर्मियों के द्वारा श्रद्धालुओं से लगातार अभद्रता की गई। इस बीच कई लोगों को लताड़ते हुए पुलिसकर्मी नजर आए। वीवीआइपी पास के बाद भी श्रदालुओं को मुख्य द्वार से जाने नहीं दिए। वे वीवीआई पास लेकर भटकते रहे। पुलिस वाले उन्हे अंदर जाने से रोक रहे थे । कई लोग पास हाथ में लेकर खड़े थे लेकिन पुलिस वालों ने उन्हे अंदर नहीं जाने दिए।