यह कहलाती है दोस्‍ती, फीस के लिए नहीं थे पैसे तो दोस्‍तों ने जुटाए दो लाख, पढ़िए दोस्‍ती की मिसाल पेश करने वाली स्‍टोरी
रायपुर। अक्सर कई बातें आप अपने परिवार, या भाई बहन से साझा नहीं कर पाते। ऐसी बातें आप आसानी से अपने दोस्तों से कर लेते हैं। अगर ये कहें कि एक सच्चा दोस्त परिवार की तरह ही है, जिससे खून का संबंध नहीं होता, तो ये गलत नहीं होगा। अगस्त के पहले रविवार यानी 4 अगस्त को फ्रेंडशिप डे मनाया जा रहा है। ये दिन दोस्ती के रिश्ते को जश्न के रूप में मनाने का पर्व है। फ्रेंडशिप डे पर बता रहे दोस्‍ती की दो ऐसी कहानी जिन्‍होंने फ्रेंडशिप की मिसाल पेश की है। तीन दोस्‍त खिलेंद्र देवांगन, रितिक साहू और आदर्श साहू में से जब खिलेंद्र को एकाएक दो लाख रुपये की आवश्यकता पड़ी तो उनके दोस्‍तों ने तीन दिन के अंदर ही दो लाख रुपये बंदोबस्‍त कर दिए। वहीं लक्ष्मीनारायण लाहोटी और पवन छिब्बर 40 साल बाद भी अपनी मित्रता निभा रहे हैं। जरूरत पड़ने पर वे मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। घर से पैसा उधार लेकर रितिक और आदर्श ने की दोस्त की मदद शंकर नगर निवासी खिलेंद्र देवांगन ने बताया कि मैं, रितिक साहू और आदर्श साहू की मित्रता को छह साल पूरे हो गए है। रायपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई के दौरान हम मिले। तब हम एक-दूसरे को जानते भी नहीं थे। कॉलेज में नया माहौल था, तब हमने मित्रता बढ़ाई। विश्वास और प्रेम के कारण कुछ ही समय में घनिष्ठ मित्र बन गए। साथ रहना, खाना और तीनों एक साथ पढ़ाई करते थे। खिलेंद्र ने बताया कि एक समय आया जब मुझे दो लाख रुपये की आवश्यकता थी। यह बात मैंने दोस्तों को बताई। उन्हाेंने तीन दिन के अंदर ही दो लाख रुपये की व्‍यवस्‍था कर दी। रितिक साहू ने बताया कि हमने मोबाइल की सहायता के लिए मदद मांगी। कुछ पैसे एकत्रित करने के बाद घर से उधार पैसे मांगते हुए और जैसे-तैसे करके जरूरत के अनुसार पैसा एकत्र कर पाए। खिलेंद्र बताते है कि उस पैसे का उपयोग कॉलेज का शुल्क और अपने दादा के इलाज के उधार चुकाने में किया।