5 साल के बच्चे के हार्ट के ऊपर था 2.5 किलो का ट्यूमर, डॉक्टरों ने ऐसे बचाई जान
छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित अंबेडकर अस्पताल के हार्ट, चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग ने एक पांच साल के बच्चे का दुर्लभ ऑपरेशन किया है. इस बच्चे के हार्ट के ठीक ऊपर ढाई किलो का मेडिस्टाइन ट्यूमर था. बच्चे के परिजनों ने उसका इलाज देश भर के अलग अलग अस्पतालों में कराई, डॉक्टरों ने सलाह दी कि समस्या का समाधान ऑपरेशन से ही निकल सकता है, लेकिन बड़े से बड़ा डॉक्टर इस ऑपरेशन में हाथ लगाने को तैयार नहीं था. आखिर में परिजनों ने बच्चे को अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया. जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने इस कठिन ऑपरेशन को सफलता पूर्वक अंजाम दिया है.
यहां के डॉक्टरों ने एक 32 साल के युवा का भी ऑपरेशन इसी तरह से किया है. इस यवका के फेफड़े पर डेढ़ किलो का ट्यूमर बन गया था. अब दोनों मरीज स्वस्थ होकर अस्पताल से घर जा चुके हैं. इस अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक पांच साल के बच्चे को जब यहां लाया गया था, उस समय उसके परिजन देश भर के कई बड़े निजी अस्पतालों में चक्कर काट चुके थे. हर जगह उन्हें हाईरिस्क बताते हुए डॉक्टरों ने अपरेशन करने से मना कर दिया. दरअसल बच्चे के हार्ट के ऊपर ढाई किलो का मेडिस्टाइनल ट्यूमर था. इस ट्यूमर की वजह से बच्चे की आधी छाती कवर हो गई थी. इसके चलते फेफड़ा, महाधमनी, पल्मोनरी आर्टरी भी प्रभावित हो रही थी.
यहां हार्ट, चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू ने बच्चे की रिपोर्ट देखी और फैसला कर लिया कि हाईरिस्क के बावजूद वह ऑपरेशन करेंगे. इस प्रकार विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम बनाई गई और इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. इस टीम ने ऑपरेशन शुरू करने से पहले ऑपरेशन थिएटर में हर संभावित आशंका का विकल्प तैयार किया. चूंकि ऑपरेशन एक साथ सीने और पसली में चीरा लगाकर किया जाना था. इसमें आशंका थी कि कोई नस फट सकती है. इसलिए हार्ट लंग्स मशीन को पहले से ही एक्टिव कर लिया गया. फिर बेहद सावधानी के साथ ट्यूमर निकालकर सफाई की गई. करीब एक घंटे तक चली यह ऑपरेशन प्रक्रिया कारगर रही और आज बच्चा पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने घर पहुंच गया है. यहां तक कि बस्ता पीठ पर लाद कर स्कूल भी जा रहा है.