अगर 5 साल से पहले सरकार गिरी तब क्या होगा? वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर टीएस सिंहदेव का सवाल
रायपुर: वन नेशन, वन इलेक्शन को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। बीजेपी ने इस अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया था। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मोदी सरकार के इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है। वहीं, विपक्ष ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाया है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व डेप्युटी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा कि यह प्रैक्टिल रूप से संभव ही नहीं है। उन्होंने कहा कि एक देश एक चुनाव कराने से पहले संविधान में संशोधन करना होगा। बिना संविधान संशोधन के यह संभव ही नहीं है। वहीं, पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी इस फैसले पर आपत्ति जताई है। वन नेशन, वन इलेक्शन पर कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव ने कहा, "आज के समय में और संविधान के तहत ये संभव नहीं है। मान लीजिए- जनवरी 2025 से वन नेशन वन इलेक्शन लागू हो गया, अब पूरे देश की विधानसभाओं और लोकसभा के लिए एक साथ चुनाव होंगे। अगर किसी राज्य या केंद्र की सरकार दो साल बाद गिर जाती है और ये सरकार पांच साल के लिए चुनी जाती है, यानी इसका अगला चुनाव 2032 में आएगा (जहां सरकार गिर चुकी है) और दूसरी जगहों पर 2030 में चुनाव होंगे, तो इस स्थिति में वन नेशन, वन इलेक्शन का क्या होगा? ये बिल्कुल भी संभव नहीं है क्या तय समय तक नहीं होंगे चुनाव टीएस सिंहदेव ने कहा कि मान लीजिए किसी राज्य या फिर केंद्र की सरकार समय से पहले गिर जाती है तो क्या वहां राष्ट्रपति शासन लगा रहेगा। अगर राष्ट्रपति शासन लगा रहता है तो संविधान के उन प्रावधानों का क्या होगा जिसमें कहा गया है कि 6 महीने के अंदर उन सीटों पर चुनाव कराना अनिवार्य है जो खाली हो गई हैं। वन नेशन, वन इलेक्शन को लागू करने के लिए फिर इस प्रावधान में भी संशोधन करना पड़ेगा।"