दो सरकारी घरों में रहते हैं सर्जन साहब, खाली करने से किया इनकार, बाकी डॉक्टर किराये पर रहने पर मजबूर
बलरामपुर जिला अस्पताल के प्रभारी सिविल सर्जन खूब सुर्खियों में हैं. एक तरफ जिले में स्वास्थ्य कर्मी महंगे से महंगे प्राइवेट भवन किराये पर लेकर ड्यूटी करने को मजबूर है, तो दूसरी ओर डॉक्टर आरबी प्रजापति ने पद और पावर का फायदा उठाते हुए जिले में एक नहीं बल्कि दो सरकारी आवास अपने नाम पर आवंटित करा रखे हैं.
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में डॉक्टर साहब दो सरकारी आवासों पर कब्जा जमाए बैठे हैं. एक में वह खुद रह रहे हैं, तो दूसरे में बेखौफ होकर निजी क्लीनिक चला रहे हैं. डॉक्टर साहब का रसूख इतना है कि कई बार शिकायतों के बाद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. उनके चर्चे स्वास्थ्य विभाग से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच खूब हो रहे हैं. डॉक्टर साहब की लापरवाही से स्वास्थ्य महकमा तो परेशान है ही, मरीज भी इलाज के लिए भटकते दिख रहे हैं. वह जिला मुख्यालय में आवंटित आवास पर रहते हैं और वाड्रफनगर में स्थित शासकीय आवास में अपना क्लीनिक चला रहे हैं.
जिला अस्पताल बलरामपुर में प्रभारी सिविल सर्जन के रूप में वर्तमान समय में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आरबी प्रजापति तैनात हैं. वह इससे पहले जिले के विकासखंड वाड्रफनगर में अपनी सेवाएं दे रहे थे. जहां उनके नाम से एक सरकारी आवास आवंटित हुई थी. जिला अस्पताल में प्रभारी सिविल सर्जन की कमान संभाल रहे हैं डॉक्टर प्रजापति से जब वाड्रफनगर में सरकारी क्वार्टर छोड़ने की बात आई तो उन्होंने साफ तौर पर मना कर दिया. इसकी वजह है, महीने में वहां से लाखों रुपयों का मुनाफा. दरअसल, वाड्रफनगर के सरकारी क्वार्टर में डॉक्टर प्रजापति अपना क्लीनिक चला रहे हैं.
सरकारी आवास में चला रहे निजी क्लीनिक
जानकारी के मुताबिक, डॉक्टर प्रजापति वाड्रफनगर में अपने नाम पर आवंटित शासकीय आवास पर मौजूदा समय में अपना खुद का प्राइवेट क्लीनिक संचालन कर रहे हैं. स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि डॉक्टर साहब हर शनिवार को जिला अस्पताल से वाड्रफनगर के लिए रवाना हो जाते हैं. अधिक मुनाफे के चक्कर में वह क्लीनिक में लंबा समय बिताते हैं. उनके इस लालच के कारण जिला अस्पताल पर आने वाले मरीज परेशान होते हैं. कई-कई बार डॉक्टर के न होने से मरीज मायूस होकर बिना इलाज के चले जाते हैं