कुम्हार परिवार का सहारा बनी महतारी वंदन योजना : सास-बहू दोनो ने कहा- हमारा छोटा परिवार अब और मजबूती से खड़ा है
बदलते दौर में आधुनिकता की चकाचौंध में अब आमजन मिट्टी से बने बर्तनों और अन्य उपयोगी समान का उपयोग लगभग नहीं के बाराबर करते हैं। जिससे मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हार समाज के लोगों को आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे ही कुम्हार समाज से जुड़े बलौदाबाजार विकासखंड के ग्राम अर्जुनी में निवासरत श्रीमती प्रमिला चक्रधारी और उनकी बहू श्रीमती लीना चक्रधारी के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की 'महतारी वंदन योजना' किसी वरदान से कम नहीं है। अब हर महीने सास-बहू के खाते में बराबर एक-एक हजार रुपये मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय डाल देते हैं।
प्रमिला के पति मालिक राम परंपरागत कुम्हारी का काम करते हैं। समय के अनुसार मिट्टी के बर्तन व अन्य सामान बनाते हैं। प्रमिला भी अपने पति के साथ मिलकर मिट्टी से जिंदगी संवारने का काम करती हैं। बर्तन बनाने का यह हुनर ही उनके जीवन का आधार है। लेकिन कभी-कभी यह हुनर भी आर्थिक तंगी के सामने छोटा पड़ जाता है। उनके बेटे उमेश चक्रधारी रोजी- मजदूरी करके परिवार का सहारा बनते हैं, जबकि उनकी पत्नी लीना जो गृहणी हैं, घर के कामकाज में लगी रहती हैं।
हर महीने जरूरी सामान खरीद लेती हैं प्रमिला
लीना और उमेश की शादी को अभी दो साल ही हुए हैं। यह छोटा सा परिवार पहले से ही चुनौतियों के बीच अपनी राह बना रहा है। लेकिन इन चुनौतियों से निजात दिलाने का काम महतारी वंदन योजना ने किया। इस योजना के तहत प्रमिला और लीना दोनों को अतिरिक्त आर्थिक सहायता मिल रही है। इस मदद ने उनके जीवन में नई उम्मीद की किरण लाई है। प्रमिला ने इस योजना से मिली राशि का उपयोग मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए ज़रूरी समान खरीदने में करती हैं, वहीं लीना इस राशि का उपयोग अपने घर को बेहतर ढंग से चलाने में करती है। जिससे घर की छोटी-बड़ी ज़रूरतें पूरी हो जाती हैं।