जबरदस्ती शारीरिक संबंध या सहमति! आरोप बना पहेली, पॉक्सो का आरोपी हाईकोर्ट से बरी, जानें पूरा केस
रायपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक 24 साल के आदमी को पॉक्सो एक्ट के मामले में बरी कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि लड़की की उम्र और सहमति साफ़ नहीं है। जस्टिस रजनी दुबे और संजय कुमार जायसवाल की बेंच ने कहा कि आरोपी को संदेह के आधार पर दोषमुक्ति के सिद्धांत पर बरी किया जाता है। यह मामला 2019 का है, जब पॉक्सो कोर्ट ने आदमी को 20 साल की सज़ा सुनाई थी। तब से वो जेल में बंद था। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि अगर उस पर कोई और केस नहीं है तो उसे तुरंत रिहा कर दिया जाए। लड़की ने पड़ोसी पर लगाए रेप के आरोप सरकारी वकील के मुताबिक 30 जून 2019 को एक लड़की ने शिकायत दर्ज कराई थी। उसने अपने पड़ोसी पर बार-बार धमकाने और बलात्कार का आरोप लगाया था। लड़की का आरोप था कि अक्टूबर 2015 में वह उसके घर में घुस गया और पहली बार उसके साथ बलात्कार किया। उसके बाद डरा धमकाकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा। 30 जून 2019 को उसने अपने परिवार को इस बारे में बताया, जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। 16 साल से कम उम्र की लड़की से बार-बार बनाए संबंध जांच के दौरान लड़की का मेडिकल परीक्षण किया गया और गवाहों के बयान दर्ज किए गए। फोरेंसिक जांच के लिए सबूत भेजे गए। इसके आधार पर आरोप तय किए गए और 24 दिसंबर 2019 को ट्रायल कोर्ट ने 16 साल से कम उम्र की लड़की से बार-बार बलात्कार करने के आरोप में आदमी को दोषी ठहराया था।