धान खरीदी से पहले भूपेश बघेल का बड़ा खुलासा, बताया- बीजेपी ने उनकी सरकार के कौन-कौन से फैसलों को पलटा
रायपुर: छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर से धान की खरीदी शुरू होगी। धान की खरीदी को लेकर बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं। धान खरीदी की सियासत के बीच पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने बड़ा खुलासा किया है। रविवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि विष्णुदेव साय की सरकार ने उनकी सरकार के फैसलों को पलट दिया है। उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था से किसानों को मुश्किलें होगीं। भूपेश बघेल ने इस दौरान उस घटना का भी जिक्र किया जब विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे। हमारी नीति को सरकार ने बदल दिया भूपेश बघेल ने कहा कि धान उपार्जन की हमारी सरकार की नीति को बीजेपी सरकार ने बदल दिया है। नई नीति के अनुसार, 72 घंटे में बफर स्टॉक से उठाव की नीति को भी बदल दिया गया है। पहले इस प्रावधान के होने से समितियों के पास ये अधिकार होता था कि वे समय सीमा में उटान नह होने पर चुनौती दे सकें। अब जो बदलाव हुआ बै उसके बाद बफर स्टॉक के उठाव की कोई सीमा ही नहीं है। भूपेश बघेल ने कहा- पहले मार्कफेड द्वारा समस्त धान का निटान 28 फरवरी तक कर देने की बाध्यता रखी गई थी। अब इसे बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया गया है। 31 जनवरी तक धान की खरीदी होगी यानी समितियों या संग्रहण केंद्रो में धान अब दो महीने तक रखी रहेगी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भी इस बात पर संज्ञान लिया है कि अगर धान में सूखत होता है तो इले लेकर नीति या निय बनाया जाना चाहिए। वरना सरकार को लिखकर देना चाहिए की सुखत नहीं होता है।