कोर्ट नहीं जा सके पिता तो SDO ने बेटे को भेज दिया जेल, फिर ऐसे मिली राहत… क्या है पूरी कहानी?
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक शख्स बीमार होने के कारण कोर्ट में पेश नहीं हो सकता था. इसकी जानकारी देने के लिए उसने अपने बेटे को भेजा. लेकिन SDO ने उसे 15 दिन के लिए भेल भिजवा दिया. मामला सेशन कोर्ट में पहुंचा तो फैसला सुनाया गया कि जेल भेजे गए युवक को 25 हजार रुपये मुआवजा दिया जाए. इस आदेश के खिलाफ SDO ने हाईकोर्ट में अपील की. लेकिन यहां भी मामला उल्टा पड़ गया.
हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने SDO की अपील को खारिज करते हुए सत्र न्यायालय के आदेश को सही ठहराया. कहा कि पीड़ित युवक को 25 हजार रुपये का मुआवजा देना ही होगा. जानकारी के अनुसार, तखतपुर के जोरापारा निवासी साधराम सतनामी श्रमिक हैं, उनके पिता जोतराम सतनामी ने सरकारी जमीन पर मकान बनाया था.
इसकी शिकायत मिलने पर तत्कालीन एसडीओ राजस्व कोटा ने मौके पर दल भेजकर अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया और 500 रुपये जुर्माना भी लगाया. पेशी के दिन जोतराम बीमार होने के कारण एसडीओ कोर्ट नहीं पहुंच सका, जिसकी जानकारी देने उसने अपने बेटे साधराम को भेजा
SDO ने 15 दिन के लिए भेजा जेल
कोर्ट में आकर जब साधराम ने पिता के बीमार होने की जानकारी दी तो DSO आशुतोष अवस्थी ने साधराम को ही 15 दिन के लिए जेल भेज दिया. साधराम बार-बार उनसे गुहार लगाता रहा कि वो सच कह रहा है. उसे जेल न भेजा जाए. लेकिन SDO ने साधराम की एक न सुनी और उसे जेल भेज दिया.
हाईकोर्ट ने दिया ये आदेश
जेल से आने पर पीड़ित परिवार ने सिविल कोर्ट में मामला लगवाया. मामले में एडीजे ने सुनवाई कर पीड़ित को 25 हजार रुपये क्षतिपूर्ति देने का निर्देश दिया. इसके खिलाफ वर्तमान में अपर कलेक्टर पदस्थ अवस्थी ने हाईकोर्ट में अपील की. मामले की सुनवाई जस्टिस राकेश मोहन पाण्डेय के सिंगल बेंच में हुई. कोर्ट ने सेशन कोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए अपील खारिज कर दी.