जितना बताओगे, उतना फंसोगे… रायपुर में अब तक 4 मामलों का हुआ खुलासा, अकेले रहने वाले इस तरह हो रहे शिकार
डिजिटल अरेस्ट करने वाले साइबर ठग अकेले रहने वालों को ज्यादा टारगेट कर रहे हैं। पूछताछ के दौरान पारिवारिक स्थिति की पूरी जानकारी ले लेते हैं फिर… साइबर ठगों का डिजिटल अरेस्ट करके साइबर ठगी करना लोगों को आर्थिक नुकसान तो पहुंचा ही रहा है, मानसिक रूप से भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। इसमें जितना बताओगे, उतना फंसोगे जैसी स्थिति रहती है। अपने बारे में जितनी कम जानकारी शेयर करेंगे, उतना सुरक्षित रहेंगे। दरअसल साइबर ठग कॉल करके किसी आपराधिक मामले में आपका मोबाइल नंबर, बैंक खाता इस्तेमाल होने की जानकारी देते हैं। इसके बाद गिरफ्तारी करने के नाम पर दबाव डालते हैं। फिर पूछताछ करने के लिए एकांत में रहने के लिए कहते हैं। इस दौरान उनसे व्यक्ति जानकारियां भी लेते हैं। बैंक खाते, संपत्ति और परिवार की स्थिति के बारे में पूछताछ करते हैं। जितनी जानकारी देते जाते हैं, उतना ही वो गिरफ्तार करने या बड़ा मामला बनाने के नाम पर डराते हैं। डिजिटल अरेस्ट होने के लिए कहते हैं। अकेले रहने वाले पर ज्यादा टारगेट डिजिटल अरेस्ट करने वाले साइबर ठग अकेले रहने वालों को ज्यादा टारगेट कर रहे हैं। पूछताछ के दौरान पारिवारिक स्थिति की पूरी जानकारी ले लेते हैं। इसके बाद उन्हें पीड़ित के घर में ही कैद रहने को कहते हैं। अगर परिवार वाले हैं तो उन्हें एकांत में जाकर रहने को कहते हैं। रायपुर में डिजिटल अरेस्ट करने के अब तक 4 मामले सामने आ चुके हैं।