'जल जीवन मिशन' में सब गड़बड़ : चंद्राकर बोले- पानी है नहीं, पाइप-लाइन बिछा डाली, टंकी बना डाले
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीत सत्र के पहले दिन ध्यानाकर्षण के दौरान वरिष्ठ भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने जल जीवन मिशन में अनियमितता का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा - धमतरी जिले के कई गांवों में गड़बड़ी की गई है। ग्रामीणों को नल कनेक्शन नहीं मिला है।
श्री चंद्राकर के उक्त आरोप पर PHE मंत्री अरुण साव ने कहा- कोविड के कारण योजना के क्रियान्वयन में विलंब हुआ। योजना के तहत अब तक 39 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन दिया गया है। इस पर अजय चंद्राकर ने कहा- भारत सरकार की वेबसाइट और आपके द्वारा दिए आंकड़े में अंतर है। अजय चंद्राकर ने कहा- पहले जल स्त्रोत की व्यवस्था करनी चाहिये थी या टंकी, ढांचा का निर्माण करना था। श्री चंद्राकर ने इस संदर्भ में भारत सरकार की गाइड लाइन पूछी। तब PHE मंत्री अरुण साव ने कहा- पहले जल स्त्रोत की व्यवस्था फिर ढांचा बनाए जाने का नियम है। मंत्री के इस जवाब पर अजय चंद्राकर ने कहा- कितने गांव में टंकी, ढांचा बिना जल स्त्रोत तलाशे तैयार हुए हैं। तब PHE मंत्री अरुण साव ने कहा- 994 टंकियां तैयार है, इनमें जल स्त्रोत की व्यवस्था की जा रही है।
उत्तर में कोई कमिटमेंट नहीं दिखी : चंद्राकर
मंत्री के जवाब से असंतुष्ट अजय चंद्राकर ने कहा- 2 पेज के उत्तर में कोई कमिटमेंट नज़र नहीं आया है। पहले टंकी बनानी है, पाइप लाइन बिछाना है या जल श्रोत विकसित करना है? जवाब देते हुए अरुण साव ने कहा- हमारी सरकार बनने के बाद योजना को ठीक करने का काम किया गया है। पहले श्रोत बनना चाहिए फिर टंकी और पाइप लाइन का काम होना चाहिए। पिछली सरकार में यही गड़बड़िया हुईं। स्कीम दिसंबर 2024 तक है, अभी समाप्त नहीं हुई है।