कराटे प्रशिक्षण का उद्देश्य आत्मरक्षा- डॉ प्रीति मिश्रा
डॉ.राधाबाई शासकीय नवीन कन्या महाविद्यालय में स्टेप सेल एवं खेल विभाग के संयुक्त तत्वाधान में 15 दिवसीय कराटे प्रशिक्षण आरंभ हुआ।छात्राओं की आत्मरक्षा हेतु यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है यह प्रशिक्षण वैल्यू एडेड कोर्स के अंतर्गत है, जिसमें 30 घंटे की अवधि का कोर्स उन्हें कराया जाएगा और इसके पश्चात सर्टिफिकेट वितरित किए जाएंगे।उक्त प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.प्रीति मिश्रा के कुशल मार्गदर्शन में संपन्न हो रहा है। जिसका उद्देश्य महाविद्यालय में अध्ययनरत अधिक से अधिक छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाना है।कराटे प्रशिक्षक के रूप में रायपुर जिला कराटे संघ के मुख्य प्रशिक्षक तुलसीराम सपहा ने बताया कि कराटे की कई शैलियां है।कराटे की कुछ प्रमुख शैलियां ये हैं-शोटोकन,वाडो-रयू, शितो-रयू,गोजू-रयू।कराटे की कई शैलियां इन चारों शैलियों से ही ली गई हैं।कराटे की शैलियां,कराटे के मूल सिद्धांतों से प्रभावित होती हैं और इनकी अपनी खास तकनीकें होती हैं।कराटे के बारे में कुछ और बातें-कराटे का मतलब होता है खाली हाथ।कराटे में पंच,किक,स्टांस जैसी तकनीकें शामिल होती हैं।कराटे के दो प्रमुख स्तंभ हैं-किहोन और कुमाइट।कराटे में काटा और कुमाइट दोनों ही तरह के अभ्यास होते हैं।काटा में प्री-अप्रूव्ड कोरियोग्राफ़ किए गए मूवमेंट का सेट किया जाता है।कुमाइट में छात्रों को एक-दूसरे के सामने लाया जाता है और फिर उन्हें तकनीकें इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाती है।कराटे की बेल्ट का रंग,कराटे की शैली के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है।डॉ रुपा सल्होत्रा संयोजक स्टेप सेल एवं रेबेका बेन खेल अधिकारी के संयुक्त रुप से संयोजक एवं रितेश लहरें प्रमुख सहयोगी है।